तीन नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में दावा किया गया है कि नए आपराधिक कानूनों में कई विसंगतियां हैं। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाश पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी।सुप्रीम कोर्ट में तीन नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ वकील विशाल तिवारी ने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि नए आपराधिक कानूनों को लागू करने से रोक की मांग की गई है। आरोप है कि इन कानूनों पर संसद में बहस नहीं हुई और जब विपक्षी सांसद निलंबित थे, तब इन कानूनों को संसद से पास करा लिया गया था। याचिका में मांग की गई है कि विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए, जो आपराधिक कानूनों की व्यावहारिकता की जांच करे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नए आपराधिक कानून कहीं अधिक कठोर हैं और इससे देश में पुलिस का राज स्थापित हो जाएगा। ये कानून देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। ये कानून अंग्रेजी कानूनों से भी ज्यादा कठोर हैं। पुराने कानूनों में किसी व्यक्ति को 15 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने का प्रावधान है, लेकिन नए कानूनों में यह सीमा बढ़ाकर 90 दिन कर दी गई है।