भोपाल । स्वयं अथवा सिकमी बटाईदार किसान का समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी पोर्टल पर पंजीयन में परेशानी आ रही है। 11 हेक्टेयर से अधिक भूमि होने पर पोर्टल पर पंजीयन दर्ज नहीं हो रहा है, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। जिन किसानों की स्वयं की भूमि 11 हेक्टेयर से अधिक है, उन्हें रकबा कम करवा कर पंजीयन कराना पड़ रहा है। मध्यप्रदेश शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा गेहूं खरीदी के लिए सिकमी बटाईदार किसानों के पंजीयन में सख्त नियम बनाए गए हैं, ताकि अवैध रूप से समर्थन मूल्य योजना का लाभ ना लिया जा सके। गौरतलब है कि पिछले वर्ष फर्जी अनुबंध आधार पर पंजीयन किए गए थे, जिसको लेकर कंप्यूटर ऑपरेटरों पर एफ आइआर दर्ज कार्यवाही हुई थी।
मिली जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर तहसील के अंतर्गत अधिकतर अनुबंध के आधार पर समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना का विक्रय किया जाता है, परंतु विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुबंध संबंधित दस्तावेजों की बिना जांच के अवैधानिक रूप से समर्थन मूल्य योजना का लाभ पहुंचाया जाता है। इस बार मध्य प्रदेश भू स्वामी एवं बटाईदार के हितों का संरक्षण विधेयक 2016 के अंतर्गत सिकमी बटाई व्यवस्था, भूमिहीन अथवा छोटे किसानों को दूसरे की भूमि पर कृषि करने की एक नई व्यवस्था है, जिसका लाभ ऐसे किसान ही ले सकें, इस दृष्टि से सिकमी बटाईदार के रकबे के पंजीयन पर रकबा तय किया गया है। सहकारी समिति कंप्यूटर ऑपरेटरों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। बटाईदार अनुबंध की एक प्रति पंजीयन कराने वाले कृषक द्वारा संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध करानी होगी। पंजीयन के समय बटाईदार के साथ मूल भूस्वामी के आधार नंबर की जानकारी एवं अनुबंध 1 फरवरी 2022 के पूर्व का मान्य होगा। सिकमी बटाईदार के पंजीयन रकबा एवं फसल का सत्यापन राजस्व विभाग के अमले द्वारा करने पर पंजीयन मान्य होगा।