नई दिल्ली । चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली अरुणाचल प्रदेश में इन्फैंट्री बटालियनों के हाथों में है। अब इनकी लड़ाकू धार को और तेज किया जा रहा है। इसके लिए इन्हें नए हथियारों से लैस किया जाएगा, जिसमें लाइट मशीन गन, असॉल्ट राइफल, रॉकेट लांचर, मानव रहित हवाई वाहन, ऑल-टेरियन वाहन और हाई-टेक सर्विलांस गियर शामिल हैं। सेना के आधुनिकीकरण से परिचित अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया, मल्टी-मिशन चिनूक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम हेलीपैड भी दूरदराज के इलाकों में सैनिकों और हथियारों की तेजी से तैनाती के लिए शामिल होगा। यहां तक ​​​​कि सीमा के साथ लगे नए उपग्रह टर्मिनल संचार क्षमता को और भी ज्यादा मजबूत किया जाएगा।
पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में तैनात एक पर्वतीय ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर ठाकुर मयंक सिन्हा ने कहा, 'इन्फैंट्री बटालियन लड़ाई के समय सबसे आगे रही हैं। उनकी ऑपरेशनल क्षमता बढ़ाने के लिए उन्हें नए हथियारों से लैस किया जा रहा है। यह अहम बदलाव बेहद खास समय पर हो रहा है।'
नए इंडक्शन में इजरायली मूल के नेगेव लाइट मशीन गन, यूएस से सिग सॉयर असॉल्ट राइफल, स्वीडिश कार्ल गुस्ताव एमके- तीन रॉकेट लॉन्चर, स्वदेशी स्विफ्ट मानव रहित हवाई वाहन, यूएस से सभी इलाके के वाहन और टारगेट की बेहतर पहचान के लिए डिजिटल स्पॉटिंग स्कोप शामिल हैं। बिगेडियर सिन्हा ने कहा कि इसका मकसद क्षमता में विकास, बुनियादी ढांचे का निर्माण और ऑपरेशनल रोल को लेकर ट्रेनिंग देना है। कमांडर ब्रिगेडियर सिन्हा ने कहा, चिनूक के संचालन के लिए हेलीपैड का निर्माण कार्य जोरों पर है, जो सेना के नवीनतम अमेरिकी तोपों को आगे के ठिकानों तक ले जा सकता है। एम 777 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर तैनात सेना की खातिर बेहर अहम है। इसमें बंदूक की सामरिक गतिशीलता के कारण सेना को दूरदराज के इलाकों में गोलाबारी करने के लिए कई विकल्प मिलते हैं।