प्रयागराज । महाकुंभ को दिव्य, भव्य और व्यवस्थापूर्ण बनाने को लेकर मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने कोई कसर नही छोड़ी है। लगातार विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी विभागों को दिशा निर्देश दिए जा रहे है। रविवार को मेलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ विभाग ने मेला में आने वाले श्रृद्धालुओं को बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए एक बैठक की। जिसमें शहर के कई बड़े अस्पतालों के संचालको को प्लान के बारे में जानकारी दी गयी। बताया गया कि इस बड़ी तैयारी में प्राइवेट अस्पताल संचालक आगे आए और पूरा सहयोग करे।
प्लान के मुताबिक निजी अस्पतालों में 25ः बेड श्रद्धालुओं के लिए रिजर्व किए जायेगे। श्रद्धालुओं की सुविधा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। महाकुंभ 2025 में इस बार देश के कोने कोने से आने वाले श्रृद्धालुओं बेहतर इलाज के लिए विशेष ध्यान फिया जा रहा है। इसके लिए सीएम योगी और जिले के प्रशासनिक अधिकारी स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को लेकर तैयारियों में जुटा है। स्वास्थ्य सेवाओं में सरकारी सुविधा के साथ निजी अस्पतालों का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों को खोलने का निर्देश दिया गया है। मेले के शुरु होने से लेकर अंत तक प्राइवेट अस्पतालों के वार्डों में 25 प्रतिशत  बेड की व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए होगी। 
मेले में प्रमुख स्नान पर्वों के दिन पर विशेष व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है। प्रमुख स्नान पर्व पर श्रृद्धालुओं के लिए निजी अस्पतालों में 50 प्रतिशत बेड की व्यवस्था की जायेगी। नर्सिंग होम और अस्पतालों में श्रृद्धालुओं के लिए एक अलग वार्ड बनाया जाएगा। जो रिजर्व होगा। वहां सिर्फ श्रृद्धालुओं के लिए इलाज की व्यवस्था की जायेगी। जो ‘महाकुंभ स्पेशल वार्ड’ के नाम से बनाया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए सूची बनाई जा रही है। 
शहर के प्राइवेट बड़े अस्पतालों और नर्सिंग होम की एक लिस्ट बनाई जा रही है। जो मेला के आस पास बने हो। आपातकाल स्थिति में किसी श्रद्धालुओं को परेशानी होती है तो उन्हें शहर के बाहर इलाज के लिए न जाना पड़े। उन्हें तत्काल चिन्हित अस्पताल मे भेजा जा सके। वहां पर बेहतर सुविधा और कम पैसों मे इलाज किया जा सके। इसके अलावा प्रयागराज के 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का कायाकल्प किया जाना है। जिसमें कोटवा एट बनी, हंडिया, फूलपुर, कौड़िहार, सोरांव, जसरा, सैदाबाद सीएचसी शामिल है। इसके अलावा दारागंज, अरैल, झुंसी, श्रृंग्वेरपुर व दारागंज पीएचसी को शामिल किया गया हैं।