नई दिल्ली । भारत ने 2024 में नौकरी बाजारों में पुनर्निर्माण के कारण अपेक्षित 129 अरब डालर के प्रेषण के साथ सबसे बड़े प्रेषण प्राप्तकर्ता के रूप में अपनी धाक जमाई। यह जानकारी विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में साझा की गई है। इस उच्च स्तरीय प्रेषण के पीछे भारत के अविरल संवेदनशीलता, भरोसेमंद नौकरी बाजार, और अर्थव्यवस्था की मजबूती का सामर्थ्य है। इसके बाद इस श्रेणी में मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान स्थान रहे। वर्ष 2024 में प्रेषण की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023 की 1.2 प्रतिशत की दर से काफी अधिक है। विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों के मुताबिक उच्च-आय वाले देशों में सुधार और महामारी के बाद आर्थिक सहयोग ने प्रेषणों में इस वृद्धि को प्रोत्साहित किया। विश्व बैंक ने देशों से उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि प्रेषणों की स्थिरता और आकार बनाए रखा जा सके और इससे गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए फायदे हो सकें। उन्होंने भविष्य में दक्षिण एशिया में प्रेषण के मामले में अग्रणी भूमिका की उम्मीद जताई है, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के सजीव प्रेषण प्रवाह के कारण। अंततः विश्व बैंक के व्यापक अध्ययन से प्रकट होता है कि 2024 में भारत ने दिखाया है कि वह आर्थिक उत्कृष्टता और उन्नति के मामले में विश्व में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।