आज 18वीं लोकसभा सत्र के पहले सत्र का दूसरा दिन है। आज 12 बजे तक पीएम मोदी को लोकसभा स्पीकर का नाम देना है। आजादी के बाद ऐसी परिस्थिति कभी नहीं आई है कि लोकसभा का स्पीकर सर्वसम्मति से न चुना गया हो। लेकिन, इस बार विपक्ष के जो तेवर दिख रहे हैं, उससे लगता है कि 26 जून को यानि कि आज यह परंपरा टूट भी सकती है। ये पहली बार होगा, जब स्पीकर के पद के लिए जबरदस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। बता दें कि गठबंधन की सरकार में स्पीकर की भूमिका काफी अहम होती है। ऐसे में सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि एनडीए के घटक दल TDP और JDU भी सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष के पास स्पीकर के समर्थन के लिए राजनाथ सिंह का फोन आया था। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने दोबारा फोन करने की बात कही थी, हालांकि अब तक कॉल नहीं आया।

ओम बिरला होंगे एनडीए के उम्मीदवार

सूत्रों के अनुसार, स्पीकर पद के लिए ओम बिड़ला का नाम सबसे आगे है। वे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने निकल चुके हैं। ऐसा हुआ तो वे दूसरी बार इस पद पर बैठेंगे।  11.30 बजे स्पीकर पद के लिए वे नामांकन भरेंगे। सूत्रों के अनुसार इस पद के लिए ओम बिरला फ्रंट रनर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद राधामोहन सिंह, आंध्र से भाजपा सांसद डी. पुरंदेश्वरी और प्रोटेम स्पीकर बने भर्तृहरि महताब का नाम भी चर्चा में है। विपक्षी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार लोकसभा स्पीकर के पद पर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति इस बात पर निर्भर करेगी कि डिप्टी स्पीकर पद इंडिया ब्लॉक को दिया जाए। विपक्ष सर्वसम्मति से स्पीकर की नियुक्ति की पूरी जिम्मेदारी सत्तापक्ष पर डाल रहा है।

कैसे होता है लोकसभा स्पीकर का चुनाव

आम चुनाव होने और नई सरकार के गठन के बाद नए सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की जाती है. प्रोटेम स्पीकर आमतौर पर लोकसभा के सबसे सीनियर सांसद को बनाया जाता है. प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही लोकसभा स्पीकर का चुनाव होता है. आम चुनाव के बाद सरकार और विपक्ष मिलकर स्पीकर के लिए उम्मीदवार का नाम घोषित करते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री या संसदीय कार्य मंत्री उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव करते हैं. बताया जा रहा है कि 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा स्पीकर के उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव पेश करेंगे. अगर एक से ज्यादा उम्मीदवार हैं तो फिर बारी-बारी से प्रस्ताव रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर वोटिंग भी कराई जाती है. जिसके नाम का प्रस्ताव मंजूर होता है, उसे स्पीकर चुना जाता है.