भारत में कैंसर मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीजों की संभावना बेहद कम होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का पता तब चलता है जब यह अपने आखिरी स्टेज में होती है. कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है. खाने की नली से लेकर पेट, हाथ या होंठ तक में कैंसर हो सकता है. आज हम फूड पाइप में होने वाले कैंसर के बारे में विस्तार से बात करेंगे.  कैंसर के शुरुआती लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है. आज हम फूड पाइम में होने वाले कैंसर के शुरुआती संकेतों के बारे में विस्तार से बात करेंगे. 

डॉक्टर्स के मुताबिक जिन लोगों के बार-बार में गले में इंफेक्शन होता है. उन्हें गले के कैंसर की बीमारी का रिस्क काफी ज्यादा रहता है. अगर किसी व्यक्ति को काफी वक्त से खाना निगलने में दिक्कत हो रही है तो संभावना है कि वह गले के कैंसर से पीड़ित हैं. क्योंकि यह एसोफैगल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. 

डॉक्टर के मुताबिक जब गले के आसपास अनियंत्रित रूप से सेल बढ़ने लगे तो यह कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. कैंसर के सेल्स खाने की नली से लेकर पेट तक फैल सकता है. यह कैंसर खाने वाले पाइप में फैलता है. जब फूड पाइप में कैंसर होता है तो खाने की नली धीरे-धीरे ब्लॉक हो जाती है. इस कैंसर के शुरुआती लक्षण हैं गले में दर्द और खाना निगलने में परेशानी होना है. लेकिन कुछ लोग इन लक्षणों को एकदम से इग्नोर कर देते हैं. यही कारण है कि एसोफेगल कैंसर का पता अपने एडवांस स्टेज में चलता है. 

किन लोगों को खतरा
जिन लोगों को एसिड रिफ्लक्स की परेशानी हद से ज्यादा होती है उन्हें भी एसोफैगल कैंसर के होने के चांससे बढ़ जाते हैं. साथ ही ऐसे लोग जो बहुत ज्यादा गर्म पानी या लिक्विड पीते हैं उनके भी गले में कैंसर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. ऐसी स्थिति में इन आदतों से बचना चाहिए. 

कैसे करें बचाव
अगर आपके गले में अक्सर दर्द रहता है. साथ ही साथ खाना निगलने में परेशानी होती है या आवाज बदल रहे हैं तो इन लक्षणों को एकदम से इग्नोर मत कीजिए. क्योंकि अगर आप देरी करते हैं तो यह बीमारी गंभीर रूप ले लेगी है. इसके अलावा यह भी जरूरी है कि आप तंबाकू या धूम्रपान का सेवन कर रहे हैं या नहीं?