नई दिल्ली| वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों और जी20 वित्तमंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नरों की बैठक में भाग लेने के लिए 11 अक्टूबर से अमेरिका का आधिकारिक दौरा करेंगी। वित्तमंत्री एक उच्चस्तरीय बैठक में आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन और विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास से अलग-अलग मुलाकात करेंगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीतारमण जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, न्यूजीलैंड, मिस्र, जर्मनी, मॉरीशस, यूएई, ईरान और नीदरलैंड सहित कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लेंगी।

वह ओईसीडी, यूरोपीय आयोग और यूएनडीपी के नेताओं और प्रमुखों के साथ आमने-सामने बैठकें करेंगी।

वित्तमंत्री वाशिंगटन डीसी स्थित एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति संगठन, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में 'भारत की आर्थिक संभावनाएं और विश्व अर्थव्यवस्था में भूमिका' पर भाषण भी देंगी।

सीतारमण अपनी यात्रा के दौरान जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज (एसएआईएस) में 'प्रौद्योगिकी, वित्त और शासन' के अंतसर्ंबधों के माध्यम से भारत में बनाए गए गुणक प्रभावों पर भी विचार-विमर्श करेंगी।

यात्रा के बाद के हिस्से के दौरान वह यूएसआईबीसी और यूएसआईएसपीएफ के साथ भारत-अमेरिका कॉरिडोर में निवेश और नवाचार को मजबूत करने और 'भारत की डिजिटल क्रांति में निवेश' के विषयों पर गोलमेज बैठकों में भाग लेंगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन बैठकों का उद्देश्य एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के आकर्षण को प्रदर्शित करना है और इसमें प्रमुख व्यापारिक नेताओं और निवेशकों की भागीदारी होगी।