नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की योजना का असर, 20 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के दो जिलों बीजापुर और कोंडागांव में सोमवार को 20 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। बीजापुर में पीपुल्स पार्टी के प्लाटून कमांडर आठ लाख के इनामी देवा पदम और उसकी पत्नी दुले कलमू समेत 19 नक्सलियों ने समर्पण किया।
उधर, कोंडागांव में एक लाख के इनामी नक्सली राजमन होड़ी ने समर्पण किया। वह वर्ष 2014 से 2018 तक मिलिशिया सदस्य और बाद में पूर्वी बस्तर डिवीजन का सदस्य था। आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये दिए गए हैं।
पुनर्वास नीति का मिल रहा लाभ
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति से मिल रहे लाभ ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया है। उनके घर वाले भी उन्हें वापस लाना चाहते हैं।
उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकल कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।
केंद्र सरकार ने बनाया प्लान
बता दें कि केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप में नक्सलियों से मुक्त इलाके में विकास व गरीब कल्याण योजनाएं भी शामिल थी। इस रोडमैप में हर तीन चार किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा बलों की अग्रिम चौकियां बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके तहत 2024 में 58 सुरक्षा चौकियां बनाई गईं और 2025 में 88 नई सुरक्षा चौकियों का निर्माण किया जा रहा है।
ये सुरक्षा चौकियां पहली बार स्थानीय प्रशासन की पहुंच भी सुनिश्चित कर रहा है, जिसकी मदद से मुफ्त राशन, स्कूल, अस्पताल, पीएम आवास, नल से जल, बिजली, सड़क और मोबाइल कनेक्टीविटी की सुविधाएं भी पहुंच रही हैं। पिछले साल दिसंबर में पहली बार आयोजित बस्तर ओलंपिक की सफलता को युवाओं के नक्सलवाद से दूर से होकर मुख्यधारा में जुड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है।