प्रयागराज । 27 जनवरी को प्रयागराज में धर्म संसद होने जा रही है। इस धर्म संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होने जा रहे हैं। धर्म संसद में चारों शंकराचार्य और 13 अखाड़े के प्रतिनिधि, विभिन्न संप्रदायों के पीठाधीश्वर, धर्माचार्य और कथावाचक बड़ी संख्या में शामिल होंगे। 
धर्म संसद में सनातन बोर्ड का गठन, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से अतिक्रमण हटाने और भव्य निर्माण कराने के साथ साथ, धर्माचार्यों के लिए संसद की 50 सीटों का आरक्षण, इस धर्म संसद का मुख्य मुद्दा होगा। 
 धर्म संसद देवकीनंदन ठाकुर के शिविर में आयोजित की गई है। इस धर्म संसद के माध्यम से सनातनी धर्माचार्य भाजपा के ऊपर दबाव बनाएंगे। वह 50 लोकसभा सीट सनातनी धर्माचार्यों के लिए आरक्षित करे। 
धर्माचार्य सनातन बोर्ड का गठन की मांग कर रहे हैं। बोर्ड का गठन होने के बाद जिन मठ और मंदिर में अभी सरकार का कब्जा है। उन्हें धर्माचार्य को वापस किया जाए। 16 नवंबर को दिल्ली में आयोजित धर्म संसद में सनातन बोर्ड के प्रारूप के लिए सुझाव मांगे गए थे। उसके आधार पर बोर्ड का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। जो धर्म संसद में प्रस्तुत किया जाएगा। सनातन धर्म के आचार्य इस बार सरकार के ऊपर दबाव बनाकर सरकारी नियंत्रण से मंदिर और मठों को मुक्त कराने की मुहिम चला रहे हैं। धर्म संसद को लेकर साधु संतों में निरंतर चर्चाएं हो रही हैं।