माले। मालदीव में चीन समर्थक मुइज्जू की पार्टी की जीत के बाद फिर से बीजिंग और माले के बीच नजदीकियां बढ़ती दिख रही हैं। चीन ने दो महीने बाद 4,500 टन वजनी और उच्च तकनीक से लेस रिसर्च जहाज को मालदीव के समुद्री क्षेत्र में उतारा है। अब तक मुइज्जू सरकार द्वारा इस बारे में खुलासा नहीं किया गया है कि इस जहाज के वापस लौटने का कारण क्या है। लेकिन, इस बात की पुष्टि की है कि यात्रा से पहले जहाज को माले में खड़ा करने की अनुमति दी गई थी।
चीन द्वारा यह जहाज ऐसे समय में मालदीव के समुद्री क्षेत्र में उतारा गया है, जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने आम चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की। बता दें कि मुइज्जू द्वारा बार बार चीन का समर्थन किया जाता है। चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 03 विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) को पार कर वापस लौट आया है और अब मालदीव क्षेत्र के अंदर या उसके पास सक्रिय है। मालदीव की विशेष आर्थिक सीमा के पास एक महीना बिताने के बाद यह जहाज पहली बार 22 फरवरी को पहुंचा था। यहां लगभग छह दिन बिताने के बाद जहाज ईईजेड के पार चला गया था। उस दौरान भारत और अमेरिका ने इस पर आपत्ति भी जताई थी।
फरवरी में ही मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन के जहाज द्वारा अपने केबिन क्रू के रोटेशन के लिए मालदीव का दौरा किया गया था। यह भी दावा किया गया था कि इस दौरान जहाज द्वारा किसी भी तरह की रिसर्च नहीं की गई। मालदीव की भारत की दूरी बमुश्किल 70 समुद्री मील है। हिंद महासागर क्षेत्र में वाणिज्यिक समुद्री मार्गों का केंद्र होने की वजह से इस जगह का अपना अलग ही सामरिक महत्व है।