तमिलनाडु विधानसभा में विपक्षी दल एआईएडीएमके के विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जहरीली शराब त्रासदी का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। बता दें इस त्रासदी में 58 लोगों की जान जा चुकी है। तमिलनाडु विधानसभा सत्र में मंगलवार को सत्तारूढ़ और विपक्षी दल में ठन गई। इन दिनों तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में जहरीली शराब त्रासदी पर सत्ता पक्ष पर विपक्ष निशाना साध रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि सत्ता पक्ष की गलतियों के कारण इस तरह की घटना हुई है। इस पर विधानसभा में बात होनी चाहिए। विपक्षी एआईएडीएमके के विधायकों ने प्रश्नकाल में इस मुद्दे को उठाया। इस पर जमकर हंगामा भी किया। इस बात पर हंगामा करने वाले विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। हालांकि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि सदन में इस मुद्दे पर पहले ही विस्तार से चर्चा की जा चुकी है। जिसमें उन्होंने इस त्रासदी के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा बताई थी। बता दें कि इस जहरीली शराब त्रासदी में अब तक 58 लोगों की जान जा चुकी है। कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनका इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे इस तरह की सुनियोजित गतिविधियों में लिप्त हैं। उनका कहना है कि वह उनकी पार्टी डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन को "40/40" जीतते हुए बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। दरसअल हाल ही में हुए चुनावों में तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों और पुडुचेरी की एकमात्र सीट पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है। विधानसभा की कार्यवाही की शुरुआत में प्रश्नकाल के दौरान एक बार फिर एआईएडीएमके ने मुद्दे को उठाने की कोशिश की। बार-बार कहने के बाद भी विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा। इस कारण से अध्यक्ष एम अप्पावु ने उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया। इसके बाद नगर प्रशासन मंत्री केएन नेहरू ने उन विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। जिन्होंने सत्र में 'हंगामा' किया था। हालांकि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद निलंबन एक दिन का ही किया गया। अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा कि सदन ने एक प्रस्ताव 'सर्वसम्मति' से पारित हुआ। उन्होंने कहा कि नारे लगाने वाले और कार्यवाही में बाधा डालने वाले सभी एआईएडीएमके सदस्यों को सदन में उपस्थित होने से "केवल आज के लिए" निलंबित किया जा रहा है।