नई ‎दिल्ली । केंद्र सरकार बैंकों के लिए जुर्माना बढ़ाने के बारे में विचार कर सकती है, यदि वे नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार इस सिलसिले में नियामक प्रणाली की समीक्षा कर सकती है, जिसके लिए बैंकिंग विनियमन (बीआर) अधिनियम 1949 और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम 1934 में संशोधन किया जा सकता है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा ‎कि वर्तमान में जुर्माना राशि बहुत कम है। हम इस पर नियामक के साथ चर्चा करेंगे और प्रावधानों में संशोधन की संभावनाओं पर विचार करेंगे। मौजूदा व्यवस्था में रिजर्व बैंक बीआर अधिनियम की धारा 46 और 47 ए समेत अन्य प्रावधानों के तहत जुर्माना लगा सकता है, जो नियामकीय दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर लगाया जाता है।