इंदौर: सांवेर के बूढ़ी बरलाई गांव में नाबालिग की शादी की सूचना मिलने पर बाल विवाह उड़नदस्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद पूरा परिवार इस शादी को रोकने के खिलाफ खड़ा हो गया। पिता द्वारा किए गए खर्च और शादी की तैयारियों को देखकर नाबालिग खुद ही आगे आ गई और शादी न होने पर आत्महत्या करने की धमकी देने लगी। रोते हुए उसने कहा कि अगर आज उसकी शादी नहीं हुई तो वह अपनी जान दे देगी।

प्रशासन की सख्त कार्रवाई, परिवार सगाई पर अड़ा

बाल विवाह उड़नदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक, पुलिस निरीक्षक सुमन तिवारी, सीमा तिवारी, कोर ग्रुप सदस्य शैलेष शर्मा, मोनिका बाघे, सुकन्या पाटीदार और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित बड़ी टीम वहां पहुंची। लेकिन जब परिवार नहीं माना तो तहसीलदार पूनम तोमर को भी मौके पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने परिवार को समझाया कि बाल विवाह करने पर दो साल की जेल और एक लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। आखिरकार प्रशासन की समझाइश के बाद शादी रोक दी गई, लेकिन परिवार सगाई करवाने पर अड़ा रहा। 

पिता ने जबरन शादी कराई, लड़की ने की शिकायत

इसके विपरीत पालदा में रहने वाली नाबालिग की एक सप्ताह पहले उसके पिता ने जबरन शादी करा दी। लड़की इस शादी से खुश नहीं थी और उसने इसका विरोध करने का साहस दिखाया। उसने भंवरकुआं थाने में जबरन शादी के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत को गंभीरता से लेने की बजाय उसे वहां से भगा दिया और उसकी गुहार भी नहीं सुनी। 

कलेक्टर के हस्तक्षेप पर जांच के निर्देश 

पुलिस की लापरवाही के बावजूद लड़की ने हार नहीं मानी और कलेक्टर के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए। इस मामले में प्रशासन की तत्परता के बाद ही नाबालिग को न्याय मिलने की उम्मीद जगी। यह घटना बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को रोकने और जागरूकता लाने की जरूरत को दर्शाती है।