भोपाल: राजधानी में बोहरा समाज के 15 वर्ष और उससे कम उम्र के 1500 बच्चों ने मोबाइल का उपयोग बंद कर दिया है। यह बदलाव बोहरा धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन के निर्देशों के तहत मोबाइल के नकारात्मक प्रभावों से बच्चों को बचाने के लिए किया गया। बच्चों की इनडोर और आउटडोर गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बैंडमिंटन कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही उनकी काउंसलिंग भी आरंभ की गई है। भोपाल में बोहरा समाज के सदस्यों की संख्या लगभग 10 हजार है। चार महीने पहले, मोबाइल के आदी हो चुके बच्चों की विशेषज्ञों के साथ काउंसलिंग की गई, जिसमें यह सामने आया कि छोटे बच्चे मोबाइल देखे बिना खाना नहीं खाते और मोबाइल गेम्स के कारण उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, वे सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों से दूर हो गए हैं और उनकी आस्था में कमी आ रही है।

धर्मगुरु ने दिए निर्देश

धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफ़द्दल सैफुद्दीन ने बच्चों की बिगड़ती सेहत को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखा जाना चाहिए और उन्हें अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

सभी को पालन करने की सलाह

बोहरा समुदाय के सदस्य केवल देश में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर फैले हुए हैं। इस दिशा-निर्देश का पालन करने के लिए सभी को सलाह दी गई है, ताकि बच्चों को मोबाइल के नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षित रखा जा सके।

ताकि बड़ो की आदतों में भी हो सुधार 

बच्चों में मोबाइल की लत को कम करने के लिए अब वे घर पर कैरम, शतरंज और अन्य खेलों में भाग ले रहे हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही, बाहरी खेलों में भी रुचि बढ़ी है। समाज के एमएसबी एजुकेशन इंस्टीट्यूट में नर्सरी से लेकर 8वीं कक्षा तक 350 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, और ये सभी बिना मोबाइल के समय बिता रहे हैं। अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले समाज के बच्चे भी मोबाइल से दूर रह रहे हैं। समाज के अलीकदर के अनुसार, बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी अपने मोबाइल उपयोग को सीमित किया है, जो रमजान के महीने से पहले की पहल है।