भारत में भगवान हनुमान के अनगिनत मंदिर हैं, लेकिन कुछ मंदिर अपनी दिव्यता और चमत्कारी मान्यता के कारण विशेष स्थान रखते हैं. ऐसा ही एक पावन स्थल चित्रकूट के कामतानाथ परिक्रमा मार्ग पर स्थित बरहा हनुमान मंदिर है. जहां स्वयं हनुमान जी प्रकट हुए थे.

हनुमान जी के दर्शन से पूरी होती है मनोकामना

यहां आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, उसकी हर इच्छा बजरंगबली पूरी करते हैं. इस मंदिर में पूरे सप्ताह श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इन दिनों विशेष रूप से हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ का आयोजन किया जाता है, जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है.

श्रीराम ने यहां बिताए थे 11 साल

मंदिर के पुजारी अमित तिवारी ने लोकल 18 से बताया कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान 11 साल 6 महीने चित्रकूट में बिताए थे. इस दौरान उन्होंने कई स्थानों पर पूजा-अर्चना की, जिनमें बरहा हनुमान मंदिर भी शामिल है. यह स्थान कामतानाथ जी के चार प्रमुख द्वारों में से एक है. इसे तीसरा द्वार माना जाता है. बरहा हनुमान मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी माना जाता है. मान्यता है कि जितने भी सिद्ध साधु-संत इस स्थान पर आए, उन्होंने यहीं साधना करके सिद्धि प्राप्त की और फिर जनकल्याण के लिए विभिन्न स्थानों पर चले गए.

मंदिर की है अनोखी मान्यता

पुजारी ने बताया कि यहां विराजमान बजरंगबली की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई है, जिससे इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है. हनुमान जी की कृपा से इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु हर प्रकार के दुख और कष्टों से मुक्ति पाते हैं. कामतानाथ परिक्रमा मार्ग चित्रकूट के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है.  इस परिक्रमा मार्ग पर कई छोटे-बड़े मंदिर स्थित हैं, जिनमें बरहा हनुमान मंदिर का विशेष स्थान है. यहां आने वाले श्रद्धालु परिक्रमा कर बजरंगबली से आशीर्वाद मांगते हैं, जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.